हार्ट में ब्लड क्लॉट है या नहीं,ये एक टेस्ट बता देता जानें क्या है कीमत और कब कराएं

हार्ट में ब्लड क्लॉट है या नहीं,ये एक टेस्ट बता देता जानें क्या है कीमत और कब कराएं
हार्ट में अगर ब्लड क्लॉट हो जाता है तो इससे हार्ट अटैक या हार्ट फेल का खतरा रहता है. ऐसे में आपको हार्ट में ब्लड क्लॉट के लक्षण का पता होना चाहिए. साथ ही यह जानकारी भी होनी चाहिए कि हार्ट में खून के थक्के की पहचान के लिए कौन सा टेस्ट कराना चाहिए

इस टेस्ट से हार्ट की ब्लॉकेज का चल जाता है:

फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने यूके अदालत में माना है कि उसकी वैक्सीन से कुछ मामलों में साइड इफेक्ट हो सकता है. टीके की वजह से टीटीएस की समस्या का रिस्क है. टीटीएस के कारण शरीर में खून के थक्के बन सकते है. कंपनी के इस कबूलनामे के बाद लोगों में डर है, हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि वैक्सीन से हर व्यक्ति को दुष्प्रभाव नहीं होता है. ऐसा कुछ ही मामलों में हो सकता है. लाखों में किसी एक दो व्यक्ति में हल्के साइड इफेक्ट हो सकते हैं. समय के साथ वैक्सीन के दुष्प्रभाव भी खत्म हो जाते हैं.फिर भी लोगों में डर बना हुआ है कि वैक्सीन से नुकसान हो सकता है. खासतौर पर हार्ट की हेल्थ को लेकर चिंता है. ऐसे में आपके लिए यह जानना जरूरी है कि हार्ट में अगर ब्लड क्लॉट होता है तो उसके क्या लक्षण हैं और किस टेस्ट से इसका पता लगाया जा सकता है. इसके बारे में जानने के लिए हमने एक्सपर्ट्स से बातचीत की है.

हार्ट में ब्लड क्लॉट

एक्सपर्ट्स कहते हैं कि खानपान की गलत आदतें, कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना, अधिक धूम्रपान करना और कोविड वायरस के असर के कारण हार्ट में ब्लड क्लॉट की समस्या हो सकती है. ब्लड क्लॉट होने से हार्ट सही तरीके से काम नहीं कर पाता है और इससे हार्ट अटैक या फिर कार्डियक अरेस्ट का खतरा होता है. अधिकतर लोगों को इसके लक्षणों का पता नहीं चलता है. इस वजह से अचानक हार्ट अटैक आता है और कुछ मामलों में मरीज की मौत हो जाती है. ऐसे में पहले आपके लिए यह जानना जरूरी है कि हार्ट में ब्लड क्लॉट के लक्षण क्या होते हैं.

खून के थक्के बनने के लक्षण

छाती में दर्द

अचानक पसीना आना

सांस फूलना

ये टेस्ट है बेस्ट

मेट्रो हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. समीर गुप्ता बताते हैं कि हार्ट में अगर कोई क्लॉट बन गया है तो इसकी पहचान के लिए एंजियोग्राफी सबसे बेस्ट टेस्ट है. इस टेस्ट की मदद से ब्लड क्लॉट की जानकारी आसानी से मिल जाती है. एंजियोग्राफी में हार्ट को एक्स-रे से देखा जाता है.

इस एक्स-रे में मरीज के पैर या हाथ में कैथेटर लगाया जाता है और इसके जरिए एक डाई इंजेक्ट की जाती है. यह टेस्ट बताता है कि हार्ट में ब्लड सर्कुलेशन कैसा हो रहा है. अगर सर्कुलेशन में कहीं कोई रूकावट है तो ये संकेत है कि ब्लड क्लॉट या किसी तरह का ब्लॉकेज है. अगर ब्लॉकेज मिलता है तो फिर उस हिसाब से ट्रीटमेंट किया जाता है.

क्या है कीमत

एंजियोग्राफी सरकारी अस्पतालों में फ्री में की जाती है. प्राइवेट अस्पतालों में इसका खर्च 8 हजार से 10 हजार रूपये तक है. ये खर्च इससे ज्यादा या कम भी हो सकता है. यह इस बात पर निर्भर करता है कि अस्पताल कैसे सुविधाएं दे रहा है. डॉ गुप्ता कहते हैं कि अगर आपको हार्ट की तरफ तेज दर्द और सांस लेने में परेशानी की समस्या है तो ये टेस्ट जरूर करा लेना चाहिए.

कैसे होता है इलाज?

ब्लड क्लॉट को खत्म करने के लिए थ्रोम्बोलाइटिक्स दवाएं दी जाती हैं. अगर दवाओं से क्लॉट नहीं घुलता है तो फिर सर्जरी की जाती है. सर्जरी के जरिए क्लॉट को हटाया जाता है. सर्जरी से पहले कई तरह के टेस्ट किए जाते हैं. अगर मरीज इनमें फिट होता है तो फिर एंजियोप्लास्टी करके इलाज किया जाता है.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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