लोकसभा चुनाव की आचार संहित की वजह से कोई राजनीतिक कार्य़क्रम नहीं होगा, सभी दलों के नेता माल्यार्पण करने के लिए पहुंचेंगे।
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बाबा साहेब आंबेडकर को गार्ड ऑफर ऑनर, आतिशबाजी से रोशन हुई उनकी जन्मस्थली, सीएम आएंगे
हर साल 14 अप्रैल को डॉ. भीमराव अंबेडकर (Dr.B.R.Ambedkar) की जयंती के मौके पर अंबेडकर दिवस मनाया जाता है। इस दिन को अंबेडकर जयंती (Ambedkar Jayanti) या भीम जयंती के नाम से भी जाना जाता है। उन्हें भारतीय संविधान का जनक (Father of Indian Constitution) भी कहा जाता है।
मध्य प्रदेश में महू में स्थित बाबासाहेब अम्बेडकर को समर्पित एक स्मारक है। यह बाबासाहेब अंबेडकर का जन्मस्थान है , जिनका जन्म 14 अप्रैल 1891 को महू में हुआ था। स्थानीय सरकार ने जन्म स्थली पर भव्य स्मारक का निर्माण किया। इस स्मारक का उद्घाटन अंबेडकर की 100 वीं जयंती पर किया गया था – 14 अप्रैल 1991 को मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री सुंदर लाल पटवा ने। स्मारक की संरचना वास्तुविद् ई। डी। द्वारा की गई थी। Nimgade। बाद में, 14 अप्रैल 2008 को, अंबेडकर के 117 वें जन्मदिन पर, स्मारक का उद्घाटन किया। लगभग 4.52 एकड़ भूमि स्मारक से जुड़ी है।
बाबा साहेब आंबेडकर जयंती Baba Saheb Mmbedkar Jayanti 2024 के मौके पर उनकी जन्मस्थली महू में महोत्सव आयोजित किया जा रहा है। शनिवार रात 12 बजे से ही कार्यक्रमों की शुरुआत हो गई है। काली पल्टन स्थित भीम जन्मभूमि स्मारक पर आंबेडकर जयंती महोत्सव हो रहा है। रात 12 बजे समता सैनिक दल ने बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर को गार्ड ऑफर ऑनर दिया। रात 12.01 बजे रंगारंग आतिशबाजी भी की गई। इस दौरान बड़ी संख्या में डॉ. आंबेडकर के अनुयायी मौजूद रहे। रविवार सुबह मुख्य आयोजन होगा, जिसमें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शामिल होंगे। करीब 2 लाख लोगों के पहुंचने की संभावना है।
महू में बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती के मौके पर कई राजनीतिक दलों के नेता भी 14 अप्रैल को बाबा साहेब की जन्मभूमि पर आकर माल्यार्पण करेंगे। इस बार आचार संहिता के चलते कोई भी राजनीतिक आयोजन महू में नहीं हो रहा है। इसके तहत रविवार को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव महू आ रहे हैं। वे यहां अंबेडकर जयंती पर जन्मस्थली पहुंच कर प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे।
धार भोजशाला जाएंगे मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री मोहन यादव करीब 11.30 हेलिकॉप्टर से महू पहुंचेंगे। यहां सबसे पहले वह अंबेडकर स्मारक पर बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे। उसके बाद सीधे कारकेट से भोजशाला जाएंगे। यहां पर भोजन के बाद सीधे भोपाल के लिए रवाना होंगे। भाजपा के अलावा कांग्रेस के कई नेता भी यहां पर आएंगे।
बाबासाहब को मिली उपाधियां उनका जन्म जिस परिवार में हुआ था, उसे समाज में अछूत माना जाता था. इस वजह से उन्हें जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ा था. डॉ भीमराव अंबेडकर के पास 32 डिग्रियां थी और उन्हें 9 भाषाओं का ज्ञान था.
संविधान निर्माता आंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू में हुआ था. महू इंदौर जिले में स्थित है. साल 2003 में कुछ विवादों के बीच महू का नाम बदलकर डॉ. अंबेडकर नगर कर दिया. भारत रत्न आंबेडकर के सम्मान में महू का नाम बदला गया. लेकिन क्या आप जानते हैं कि वंचितों और शोषितों के मसीहा आंबेडकर की जन्मस्थली का नाम महू क्यों था.
दरअसल महू एक छोटा सा छावनी कब्जा है. यहां इंडियन आर्मी की कई इकाइयां हैं. महू इंदौर शहर के दक्षिण में 23 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. मुंबई-आगरा रोड पर ये मुंबई की और स्थित है. इस स्थान को भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम का जन्मस्थान भी माना जाता है.
बाबासाहेब आंबेडकर के जन्मस्थल का नाम महू क्यों पड़ा?
बाबासाहेब आंबेडकर के जन्मस्थल का नाम महू क्यों पड़ा, इसके बारे में कई धारणाएं हैं. इस बात की सबसे अधिक संभावना है कि ये पश्चिमी भारत के सैन्य मुख्यालय का संक्षिप्त रूप है. इसका बैकग्राउंड इस तरफ इशारा करता है. एक दूसरी धारणा है महू के पास के एक गांव से ये नाम आया, जिसे पुराने समय में कथित तौर पर महू कहा जाता था. वहीं इसके बारे में एक धारणा ये है कि महू नाम महुआ के पेड़ से लिया गया, जो यहां के आसपास के जंगलों में बहुत अधिक होता था.