पति-पत्नी के ना चाहते हुए भी कोर्ट में हो गया तलाक, जज ने कहा- अब नहीं बदलेगा फैसला

कई बार सरकारी कामों में इतनी बड़ी गलती ना चाहते हुए भी हो जाती है, जिसके बारे में किसी ने कल्पना भी ना की हो. हाल के दिनों में एक ऐसा ही किस्सा यूके से सामने आया है. जहां एक कपल का तलाक ना चाहते हुए भी कोर्ट में हो गया. हालांकि इसमें गलती लॉ फर्म के एक कलर्क की थी.

पति-पत्नी के ना चाहते हुए भी कोर्ट में हो गया तलाक, जज ने कहा- अब नहीं बदलेगा फैसला

सरकारी कामकाज में कई बार ऐसी-ऐसी गलती हो जाती है. जिसे देखने और समझने के बाद हर कोई हैरान रह जाता है. आपने सरकारी कामकाज में छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी गलती देखी होगी, जहां ये लोग कागजों में ऐसा खेल करते हैं कि जिंदा आदमी भी मर जाए और एक आदमी के लिए इसे साबित करना भी काफी ज्यादा मुश्किल होता है. ऐसा ही एक मामला इन दिनों सामने आया है, जहां एक गलती के कारण पति-पत्नी का ना चाहते हुए भी तलाक हो गया.

मामला यूनाइटेड किंगडम का है, यहां एक क्लर्क की छोटी सी लापरवाही के चक्कर में एक शादीशुदा जोड़े का तलाक बिना किसी सेटलमेंट के ही हो गया. अंग्रेजी वेबसाइट ऑडिटी सेंट्रल में छपी रिपोर्ट के मुताबिक ये गलती कचहरी में बैठे एक क्लर्क की थी. हालांकि कपल ने तलाक के लिए अर्जी डाली लेकिन वो इस पर तुरंत तलाक के बजाय समाधान चाहते थे, लेकिन क्लर्क के चलते उस जोड़े का तलाक हो गया. हैरानी की बात ये है कि जज इस पर अपना फैसला बदलने को भी तैयार नहीं है.

21 मिनट में हो गया तलाक?

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ये कांड यूनाइटेड किंगडम में एक लॉ फर्म ने इस गड़बड़ी को अंजाम दिया. दरअसल इस केस में हुआ यूं कि इस केस में एक कपल अलग-अलग रहने के बारे में सोच रहे थे और इनके बीच आर्थिक सेटलमेंट को लेकर बात कर रही थी. इसके लिए उनका केस लंदन की एक जानी-मानी वार्डैग्स लॉ फर्म हैंडल कर रही थी.

अब हुआ यूं कि उनके पेपर्स सुनवाई के लिए जमा करने थे लेकिन एक वकील ने इसे फाइनल ऑर्डर के लिए ऑनलाइन जमा कर दिया. जिस पर कोर्ट में सुनवाई के दौरान वहां मौजूद क्लर्क ने उनकी फाइल पर क्लिक किया और जज ने तलाक के फेवर में फैसला सुना दिया और ये तलाक महज 21 मिनट में हो गया. अब कपल के बीच ये विचार चल रहा है कि प्रॉपर्टी का कौन सा हिस्सा किसे मिलेगा, उससे पहले ही कोर्ट ने उन्हें तलाकशुदा घोषित कर दिया. हालांकि कलर्क की गलती पर फर्म ने दोबारा सुनवाई के लिए कोर्ट को अपील की लेकिन यहां जज ने सीधे-सीधे शब्दों में सुनवाई से इनकार कर दिया.

 

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