MP News: खुले बोरवेल में हादसों को रोकने का सरकार बना रही कानून, अब जुर्माने के साथ सजा का भी होगा प्रावधान

MP News: खुले बोरवेल में हादसों को रोकने का सरकार बना रही कानून, अब जुर्माने के साथ सजा का भी होगा प्रावधान-

प्रदेश सरकार ने बोरवेल की जानकारी के साथ ही उनको ड्रील करने वाली एजेंसी के संबंध में जानकारी जुटाने के लिए एमपी ई सर्विस एप बनाया है। इस पर बोरवेल करने वाली एजेंसियों का रजिस्ट्रशन कराया जा रहा है।
MP News: खुले बोरवेल में हादसों को रोकने का सरकार बना रही कानून, अब जुर्माने के साथ सजा का भी होगा प्रावधान

मध्य प्रदेश सरकार खुले बोरवेल में गिरने से बच्चों की मौत की घटनाओं को रोकने के लिए कानून बना रही है। इसके लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (पीएचई) ने प्रारूप तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बोरवेल हादसा होने पर अभी आईपीएसी की धाराओं में लापरवाही की धाराओं के तहत कार्रवाई होती है। लेकिन नए कानून के तहत सख्त सजा का प्रावधान भी किया जा रहा है। इससे संबंधित विधेयक विधानसभा के मानसून सत्र में रखा जा सकता है।

अभी कोई कानून नहीं
बता दें, अभी असफल बोरवेल को खुला छोड़ने और उसमें कोई हादसा होने पर कार्रवाई के लिए कोई कानून नहीं है। नए कानून में ऐसे बोरवेल को बंद कराने का दायित्य भू स्वामी और बोरवेल ड्रील करने वाली एजेंसी का होगा। ऐसे सूखे या असफल बोरवेल के खुले होने के संबंध में सीएम हेल्पलाइन या किसी शिकायत से मिलती है तो उसको बंद पहले बंद कराया जाएगा। इसका दायित्व भू स्वामी और ड्रिलिंग एजेंसी होगा। पहले उनको बोरवेल बंद कराने के लिए कहा जाएगा। इसमें असफल रहने पर उनके खिलाफ जुर्माना लगाया जाएगा। इसको लेकर अभी राशि का निर्धारण नहीं हुआ है। वहीं, दूसरा यदि ऐसे बोरवेल में कोई हादसा हो जाता है तो अभी आईपीएसी की धाराओं में लापरवाही के तहत कार्रवाई होती है। इस कानून के तहत भू स्वामी और ड्रिलिंग एजेंसी के लिए सजा का प्रावधान किया जा रहा है। अभी सजा को लेकर चर्चा चल रही है।

200 ड्रिलिंग एजेंसियां रजिस्ट्रर 
प्रदेश सरकार ने बोरवेल की जानकारी के साथ ही उनको ड्रील करने वाली एजेंसी के संबंध में जानकारी जुटाने के लिए एमपी ई सर्विस एप बनाया है। इस पर बोरवेल करने वाली एजेंसियों का रजिस्ट्रशन कराया जा रहा है। पिछले एक महीने में इस एप पर करीब 200 ड्रिलिंग एजेंसियों ने रजिस्ट्रशन कराया है। इन ड्रिलिंग एजेंसियों को बोरवेल करने संबंधी जानकारी भी एप पर देना अनिवार्य होगा।

देश में 37 से ज्यादा दुर्घटनाएं 
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार देश में पिछले दो से तीन सालों में 37 से ज्याादा खुले बोरवेल में गिरने वाली दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। प्रदेश में भी इन दुर्घटनाओं की संख्या एक दर्जन से ज्यादा है। हाल ही में रीवा में खुले बोरवेल में हादसा होने के बाद मुख्य सचिव ने अधिकारियों की बुलाई बैठक के बाद सख्त कानून बनाने के निर्देश दिए थे। लोक स्वास्थ्यं एवं यांत्रिकी विभाग के सचिव पी नरहरि ने बताया कि ऐसे मामलों में अभी कोई सजा का कानून नहीं है। इस कानून के बनने के बाद जुर्माना और सजा का प्रावधान किया जाएगा। इसमें भू स्वामी के साथ ही ड्रील एजेंसी के दायित्व तय किए जाएंगे। अभी नए कानून के प्रावधानों को लेकर चर्चा चल रही है। इस मानसून सत्र में अधिनियम बनाने के लिए विधेयक को विधानसभा में पेश किया जा सकता है।

 

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