Sodium-ion Battery: आपका फोन स्विच ऑफ हो जाए तो उसे फुल चार्ज करने में 1-2 घंटे लग जाएंगे. मगर तब कैसा रहेगा जब आपका फोन महज कुछ सेकेंड में ही चार्ज हो जाएगा? रिसर्चर्स की एक टीम ने ऐसी ही बैटरी बनाने में कामयाबी हासिल की है, जो फोन, गैजेट्स, EV आदि की बैटरी को तुरंत चार्ज कर सकती है.
आपके हाथ में जो स्मार्टफोन है उसे फुल चार्ज होने में 1-2 घंटे लग जाते हैं. इसके अलावा इलेक्ट्रिक कार को फुल चार्ज होने में भी कई घंटे का समय लगता है. यह अलग बात है कि अब फास्ट चार्जिंग टेक्नोलॉजी आ गई है, लेकिन यह भी सच है कि आज भी इलेक्ट्रिक गैजेट्स या इलेक्ट्रिक कारों की सबसे बड़ी समस्या चार्जिंग ही है. फास्ट चार्जिंग के बाद भी बैटरी चार्जिंग का समय इतना कम नहीं हुआ है कि इसे एक बड़ी उपलब्धि माना जा सके. दुनिया भर के साइंटिस्ट्स ऐसी बैटरी ईजाद करने की कोशिश में हैं जो कुछ ही सेकेंड में पूरी तरह चार्ज हो जाए.
मौजूदा दौर में स्मार्टफोन समेत कई गैजेट्स हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का अहम हिस्सा बन गए हैं. वहीं, इलेक्ट्रिक गाड़ियां आने के बाद हमारी आवाजाही में उनका दखल बढ़ गया है. पेट्रोल-डीजल के खर्च से बचने के लिए लोग इलेक्ट्रिक गाड़ियां तो खरीद लेते हैं, लेकिन बात रेंज और चार्जिंग पर अटक जाती है. इन सभी चीजों को चलाने के लिए बैटरी की जरूरत होती है, लेकिन अभी तक हमारे पास सेकेंडों में चार्ज होने वाली बैटरी नहीं है.
लिथियम की जगह दूसरा अल्टरनेटिव
टेक्नोलॉजी ने एक लंबा सफर तय किया है कि लेकिन बैटरी पर बड़ा काम होना बाकी है. हम स्मार्टफोन बना चुके हैं, ईवी बना चुके हैं, लेकिन इनकी चार्जिंग की समस्या उतनी नहीं सुलझी है जितनी सुलझनी चाहिए. रिसर्चर्स लगातार कोशिश कर रहे हैं कि ऐसी बैटरी बनाई जाए तो झटपट चार्ज हो जाए.
फिलहाल, लिथियम ऑयन बैटरी का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन जल्दी चार्ज ना होने की खामी की वजह से साइंटिस्ट्स दूसरे ऑप्शन पर भी नजरें दौड़ा रहे हैं. इनमें से एक सोडियम है जो बैटरी चार्जिंग की समस्या को सुलझाने में अहम माना जा रहा है.
सोडियम बैटरी से बनेगी बात : हाल ही में हुए एक रिसर्च से भी इस बात की पुष्टि हुई है कि सोडियम आयन से बनी बैटरियों को जल्दी चार्ज किया जा सकता है. साउथ कोरिया की एक यूनिवर्सिटी की रिसर्च ने सोडियम-आयन बैटरियों को कुछ ही सेकंड में चार्ज करने का रास्ता खोल दिया है. इसे एक बड़ी सफलता माना जा रहा है.
लिथियम (Li) की तुलना में सोडियम (Na) 500 गुना ज्यादा मात्रा में मौजूद है. हाल ही में सोडियम-आयन बैटरी टेक्नोलॉजी की क्षमता ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है. हालांकि, मौजूदा सोडियम-आयन बैटरियों की कुछ हद हैं जिनका उन्हें सामना करना पड़ता है, जैसे- कम बिजली बनाना, लिमिटेड स्टोरेज प्रोपर्टी और लंबे समय तक चार्ज करना आदि शामिल है. इसलिए नेक्स्ट जेनरेशन के एनर्जी स्टोरेज मैटेरियल डेवलपमेंट की जरूरत होती है.
सोडिम बैटरी में रैपिड चार्जिंग
हाल ही में साउथ कोरिया की कोरिया एडवांस्ड इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (KAIST) ने ऐलान किया कि मैटेरियल साइंस और इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के प्रोफेसर जेउंग कू कांग की लीडरशिप में एक रिसर्च टीम ने एक हाई-एनर्जी, हाई-पावर हाइब्रिड सोडियम-आयन बैटरी डेवलप की है, जिसमें रैपिड चार्जिंग की क्षमता है. KAIST ने ऐसी सोडियम-आयन बैटरी बनाने में कामयाबी हासिल की है जो फोन को कुछ ही सेकेंड में चार्ज कर सकती है.
इनोवेटिव हाइब्रिड एनर्जी स्टोरेज सिस्टम आमतौर पर बैटरियों में इस्तेमाल किए जाने वाले एनोड मैटेरियल को सुपरकैपेसिटर के लिए उचित कैथोड के साथ इंटिग्रेट करती है. यह कॉम्बिनेशन डिवाइस को हाई स्टोरेज कैपेसिटी और रैपिड चार्ज-डिस्चार्ज रेट दोनों को हासिल करने की इजाजत देता है. इसकी यह खूबी इसे लिथियम-आयन बैटरी की अगली पीढ़ी के विकल्प के तौर पर सामने लाती है.
हालांकि, हाई एनर्जी और हाई पावर डेंसिटी वाली हाइब्रिड बैटरी के विकास के लिए बैटरी-टाइप एनोड के स्लो एनर्जी स्टोरेज रेट में सुधार के साथ-साथ सुपरकैपेसिटर-टाइप कैथोड मैटेरियल की कम कैपेसिटी में बढ़ोतरी की जरूरत होती है.
ऐसे बनी रैपिड चार्जिंग वाली सोडियम बैटरी
इस समस्या को हल करने के लिए प्रोफेसर कांग की टीम ने हाइब्रिड बैटरियों के ऑप्टिमाइज्ड सिंथेसिस के लिए दो अलग-अलग मेटल-ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क का इस्तेमाल किया. इस अप्रोच से मेटल-ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क से मिले पोरस कार्बन में बारीक एक्टिव मैटेरियल को शामिल करके बेहतर कैनेटीक्स के साथ एनोड मैटेरियल को विकसित किया गया.