वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आयकर के मोर्चे पर आज थोड़ी राहत देने की घोषणा की। हालांकि यह राहत सिर्फ न्यू टैक्स रिजीम चुनने वालों के लिए ही है। उनका दावा है कि इससे सैलेरीड क्लास को हर साल 17500 रुपये की बचत हो सकेगी।यह राहत सिर्फ न्यू टैक्स रिजीम चुनने वालों को ही Iइस बारे में हमें इनकम टैक्स एक्सपर्ट बता रहे हैं…
नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स में राहत दी है। हालांकि यह राहत नई कर व्यवस्था को चुनने वालों को ही मिलेगी। अब नई टैक्स व्यवस्था को रिवाइज किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स स्लैब्स और रेट में बदलाव के प्रस्ताव पेश किए हैं। अब स्टेंडर्ड डिडक्शन को 50 हजार से बढ़ा कर 75 हजार रुपये कर दिया गया है। बेसिक एक्जंप्शन लिमिट 3 लाख रुपये ही है।
इनकम टैक्स की नई व्यवस्था के तहत वित्त वर्ष 2024-25 के लिए रेट्स और स्लैब्स
टोटल इनकम (रुपये में) | इनकम टैक्स रेट |
0-3 लाख तक | शून्य |
3-7 लाख तक | 5 फीसदी |
7-10 लाख तक | 10 फीसदी |
10-12 लाख तक | 15 फीसदी |
12-15 लाख तक | 20 फीसदी |
15 लाख से ज्यादा | 30 फीसदी |
कैसे होगा फायदा इसे ऐसे समझें
आमदनी 10 लाख है। पिछले साल उन्हें 50 हजार रुपये का स्टेंडर्ड डिडक्शन मिला था। अब उनकी आमदनी रह गई 9.5 लाख रुपये। इसमें से तीन लाख रुपये पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। इससे ऊपर छह लाख रुपये तक पांच फीसदी का टैक्स मतलब कि 15,000 रुपये का टैक्स। पिछले साल छह से नौ लाख रुपये के स्लैब पर 10 फीसदी का टैक्स था। मतलब कि इस रकम पर 30,000 रुपये का टैक्स। इसके बाद बचे 50 हजार रुपये, जिनके ऊपर 15 फीसदी की दर से टैक्स लगा। इस तरह कुल मिला कर 52,500 रुपये का टैक्स बना। इस पर चार फीसदी का सेस लगेगा। अब इसमें 2100 रुपये और जुड़ जाएंगे। मतलब कि कुल 54,600 रुपये का टैक्स।
अब कितना टैक्स लगेगा
आमदनी अभी भी 10 लाख रुपये ही है। लेकिन इस साल स्टेंडर्ड डिडक्शन उन्हें 75 हजार रुपये का मिलेगा। मतलब कि उनकी आमदनी रह गई 9.25 लाख रुपये। इसमें से तीन लाख रुपये पर शून्य टैक्स। तीन से सात लाख रुपये पर पांच फीसदी का टैक्स। मतलब कि इस रकम पर उन्हें 20 हजार रुपये का टैक्स देना होगा। इसके बाद बचे सवा दो लाख रुपये। इस पर 10 फीसदी की दर से टैक्स लगेगा। मतलब कि उन्हें 22500 रुपये और देने होंगे। कुल मिला कर टैक्स हाे गया 42500 रुपये। इस पर चार फीसदी का सेस लगेगा। मतलब कि इस मद में 1700 रुपये चुकाने होंगे। इस तरह से कुल टैक्स हुआ 44200 रुपये। इस साल को पिछले साल के मुकाबले 10400 रुपये की बचत होगी।
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